Depression Kya hai (डिप्रेशन क्या है )
Depression (डिप्रेशन) या अवसाद को एक रोग या सिंड्रोम ही माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को सुख शांति सफलता या खुशी यहां तक की रिश्ते-नाते , संबंध भी बेईंमानी लगते है. इसका असर उनकी रोजमर्रा की गतिविधियों पर पड़ता है. भारत मे Depression (डिप्रेशन) बहुत ही आम समस्या बनती जा रही है.भारत के युवाओं में तेजी से डिप्रेशन के मामले देखने को मिल रहे हैं. एक स्टडी में पाया गया था 45.7 मिलियन भारतीय डिप्रेशन के शिकार हैं. डिप्रेशन एक ऐसी कमजोरी है जो व्यक्ति का खुशी – खुशी जीना मुश्किल कर देती है.
Depression Symptoms डिप्रेशन के लक्षण
Depression(डिप्रेशन) के जो मुख्य लक्षण है वो ये कि इंसान उदास रहने लग जाता है और ये उदासी उसकी अगर 2 हफ्तों से अधिक चलती है और कुछ भी करके किसी भी खुशी के माहौल में या अच्छे वातावरण में भी वो अच्छा अनुभव नहीं करता है तो ये डिप्रेशन का एक लक्षण है.
Depression(डिप्रेशन) में आपकी नींद प्रभावित हो जाती है .बहुत सारे लोगों को नींद बहुत कम आती है. रात को बिस्तर पर लेटने के बाद घंटों –घंटों उन्हे नींद नही आती या फिर आधी रात को उनकी नींद खुल जाती है या फिर उनकों नींद से उठने के बाद भी फ्रेशनेश फील नहीं होती. उनको ऐसा लगता है कि शायद सोएं ही नहीं हैं.कुछ लोग डिप्रेशन में आने के बाद बहुत ज्यादा सोते हैं.शायद वो अपने सोशल इंटरेक्शन से बचना चाहते हैं.
आपकी भूख भी बहुत कम हो जाती है. कुछ ही डिप्रेशन के मरीजों में ऐसे लक्षण दिखते हैं कि उन्हे भूख ज्यादा लगती हो इसके अलावा अपने दोस्तों रिश्तेदारों से मिलना-जुलना भी बंद कर देते हैं. इंसान अकेले ही अपने कमरे में बस अपने साथ ही सहज महसूस करता है. अपने परिवार के सदस्यों से भी बात नहीं करना चाहता है.
इसके साथ किसी काम में मन ना लगना जैसे पढ़ाई में मन न लगना पढ़ते समय दिमाग में कुछ और बातों का चलना. ऑफिस में मन ना लगना, किचन में खाना बनाते समय दिमाग कहीं और चलना .हर वक्त कुछ ना कुछ सोचते रहना और जो काम कर रहे हैं उसमें ध्यान ना लग पाना Depression (डिप्रेशन) का लक्षण हैं.
कुछ लोगों को नहाने धोने साफ कपड़े पहनने में भी आलस आने लगता है. इसके अलावा सर दर्द रहना उल्टी दस्त होना, लगातार शरीर में दर्द रहना ऐसा लगना जैसे शरीर में बहुत कमजोरी है, बॉडी का टेम्परेचर लो रहना हर समय लोगों से इरिटेटेड रहना, छोटी-छोटी बातों पर रिएक्ट करना. ज्यादा गुस्सा आना, लोगों के लिए निगेटिव सोचना ,हर चीज में अपनी नाकामी सोचना भी डिप्रेशन का बहुत बड़ा लक्षण है. ऐसे में व्यक्ति के मन में अपने जीवन को खत्म करने के बार-बार विचार आते हैं. इसका वो कई बार प्रयास भी करता है और कई बार नाकाम प्रयास करने के साथ वो लोग एकदम से सुसाइड भी कर लेते हैं. आपकी इंग्नोरेंस से किसी की जान भी जा सकती है. तो डिप्रेशन को अन्य बिमारियों जैसा ही समझें हल्कें में ना लें.
How to control Depression डिप्रेशन से बचने के टिप्स
हम सबके पास एक ही जिंदगी है इसलिए इस जिंदगी का एक-एक पल बहुत जरूरी है. आजकल मानसिक तनाव एक ऐसी बिमारी है जो दिमाग के साथ-साथ शरीर को भी ले डुबती है तो इसे खत्म करने के लिए कई तरीके अपनाएं होंगे . अगर अच्छी चीजों का सेवन किया जाए तो तनाव कम होता है लेकिन अगर नुकसान देह चीजों का सेवन किया जाए तो ये आपके Depression (डिप्रेशन) को बढ़ा देता है . व्यायाम और योग करना भी डिप्रेशन खत्म करने का बेहतर विकल्प हैं. काउंसलिग जिसे हम मेडिकल भाषा में साइकोथैरिपी कहते हैं वो फोकस करता है मरीज के सोचने की क्षमता को निगेटिव से पॉजिटीव में बदलना ही साइकोथैरिपी है .करीबी लोगों से बात करें, उन लोगों से बात करें जो आपको सुरक्षित महसूस कराते हैं.पूरे दिन परिवार या दोस्तों के साथ रहे अकेले न रहें.
अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव लाना आवश्यक है। 6 से 8 घंटे की नींद लेने से आप तनाव से खुद ब खुद दूर होने लगते हैं। इससे आलस्य और बार बार नींद की झपकी आने की समस्या भी हल हो जाती है। रात को खाना खाने के बाद वॉक करें।अपनी मेंटल हेल्थ को दुरूस्त बनाए रखने के लिए सप्ताह में एक दिन पूरी तरह से खुद को डेडिकेट करें। इस दिन पूरा वक्त अपने लिए निकालें और अपने पसंदीदा कार्यों को करें। डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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