Choti Diwali 2025 : इस दिन करें ये 5 काम और पाएं अपार सौभाग्य व समृद्धि

Choti Diwali 2025 (छोटी दीवाली 2025)

भारत में दीपावली केवल एक दिन का नहीं बल्कि पाँच दिनों का महापर्व है। इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और समापन भाई दूज पर होता है। इसी श्रृंखला में छोटी दीवाली 2025 (Choti Diwali 2025) या नरक चतुर्दशी 2025 (Narak Chaturdashi 2025) का विशेष स्थान है। यह त्योहार दीपावली से एक दिन पहले मनाया जाता है और इसे रूप चौदस या काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है।

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छोटी दीवाली 2025 कब है? (Choti Diwali 2025 Kab Hai?)

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दीवाली या नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष छोटी दीवाली 2025 रविवार, 19 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

इस दिन घरों में दीपक जलाने, स्नान, हनुमान पूजा और यमराज के नाम से दीपदान का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध कर धर्म की रक्षा की थी और इसलिए इसे नरक चतुर्दशी कहा गया।

नरक चतुर्दशी 2025 तिथि (Narak Chaturdashi 2025 Date)

  • चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 19 अक्टूबर 2025, रविवार दोपहर 1 बजकर 51 मिनट से
  • चतुर्दशी तिथि समाप्त: 20 अक्टूबर 2025, सोमवार दोपहर 3 बजकर 44 मिनट तक

इस तिथि के दौरान की जाने वाली पूजा और दीपदान को अत्यंत शुभ माना गया है।

छोटी दीवाली 2025 का समय (Choti Diwali 2025 Time)

पंचांग के अनुसार, अभ्यंग स्नान का शुभ समय

  • सुबह 4:56 बजे से 6:08 बजे तक रहेगा।

वहीं दीपदान का शुभ मुहूर्त

  • रात 11:41 बजे से 12:31 बजे तक रहेगा।

इस समय में यमराज के नाम से दीप जलाने से व्यक्ति को अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

छोटी दीवाली 2025 का शुभ मुहूर्त (Choti Diwali 2025 Shubh Muhurt)

  • दीपदान मुहूर्त: रात 11:41 से 12:31 तक
  • अभ्यंग स्नान मुहूर्त: प्रातः 4:56 से 6:08 तक
  • पूजन का श्रेष्ठ समय: सूर्यास्त के बाद से लेकर प्रदोष काल तक

इस मुहूर्त में हनुमान जी, भगवान कृष्ण और यमराज की पूजा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।

छोटी दीवाली 2025 पूजा विधि (Choti Diwali 2025 Puja Vidhi)

छोटी दीवाली की सुबह तिल के तेल से शरीर पर अभ्यंग स्नान करने की परंपरा है।
इसके बाद नीचे दिए गए चरणों में पूजा विधि पूरी करें —

  1. स्नान और संकल्प: सूर्योदय से पहले स्नान कर साफ कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें।
  2. हनुमान पूजा: चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें। उन्हें सिंदूर, फूल और हलवा-पूड़ी का भोग लगाएं।
  3. कृष्ण पूजा: भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करें और दीपक जलाएं।
  4. यमराज के नाम दीपदान: सूर्यास्त के बाद घर के बाहर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके सरसों के तेल का दीप जलाएं।
  5. गोबर के दीये का महत्व: छोटी दीवाली पर गाय के गोबर से बने चार दीये जलाने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और घर में सकारात्मकता आती है।

छोटी दीवाली 2025 का महत्व (Choti Diwali 2025 Significance)

छोटी दीवाली या नरक चतुर्दशी का दिन बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है।
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने इस दिन नरकासुर राक्षस का वध किया था, जिसने 16,000 कन्याओं को बंदी बना रखा था। भगवान ने उन्हें मुक्त कर सम्मान प्रदान किया, जिसके बाद लोगों ने दीप जलाकर आनंद मनाया।

एक अन्य कथा के अनुसार, इस दिन यमराज की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है। इसीलिए घर के मुख्य द्वार, आंगन और नालियों के पास दीप जलाने की परंपरा है। इससे घर में शांति, धन और सुख-समृद्धि आती है।

छोटी दीवाली पर क्या करें और क्या न करें

क्या करें:

  • सुबह तिल का तेल लगाकर स्नान करें।
  • भगवान हनुमान और श्रीकृष्ण की पूजा करें।
  • यमराज के नाम से दीपदान करें।
  • गाय के गोबर के दीप जलाएं।

क्या न करें:

  • इस दिन किसी से झगड़ा या विवाद न करें।
  • अपशब्द या नकारात्मक बातें न बोलें।
  • घर को गंदा न रखें, क्योंकि यह दिन लक्ष्मी आगमन का संकेत देता है।

छोटी दीवाली 2025 (Choti Diwali 2025) केवल दीप जलाने का दिन नहीं, बल्कि यह आत्मिक शुद्धि और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। इस दिन श्रद्धा और भक्ति से पूजा करने पर व्यक्ति को दीर्घायु, धन और सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है।
इस बार जब आप नरक चतुर्दशी 2025 मनाएं, तो भगवान श्रीकृष्ण और यमराज की आराधना अवश्य करें, जिससे आपके जीवन से हर प्रकार का अंधकार दूर हो जाए।

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