Diwali 2024 Date : हिन्दू धर्म मे दीवाली का महत्व
हिंदू पंचाग के अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन दीवाली का पर्व मनाया जाता है. दीपावली के दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और भगवान गणेश और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सुख समृद्धि आती है. दीपावली का पर्व सुख समृद्धि और वैभव का प्रतीक माना जाता है . यह पर्व मुख्य रूप से 5 दिनों तक चलता है. जो कि धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज के दिन समाप्त होता है .धार्मिक मान्यता के अनुसार दीपावली के दिन स्वयं माता लक्ष्मी धरती पर आती है और घर-घर विचरण करती है. इसलिए दीपावली से पहले घरों की साफ –सफाई करके दीपावली के दिन घर में दिए जलाकर माता लक्ष्मी का पूजन करने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है.
Diwali 2024 Date : 2024 में दीवाली कब है और शुभ मुहुर्त 2024
साल 2024 में दीवाली का पर्व 1 नवंबर शुक्रवार 2024 को मनाया जायेगा. लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहुर्त होगा – 1 नवंबर शाम 5:36 मिनट से रात्रि 6 :16 मिनट तक
प्रदोष काल मुहुर्त होगा- शाम 5:36 मिनट से रात्रि 8 : 11 मिनट तक
वृषभ काल मुहुर्त होगा- शाम 6:20 मिनट से रात्रि 8:11 मिनट तक
अमावस्या तिथि प्रारंभ होगी – 31 अक्टूबर सायंकाल 3:32 मिंनट पर
अमावस्या तिथि समाप्त होगी- 1 नवंबर सायंकाल 6:16 मिनट पर
Diwali 2024 Date : दीपावली पूजन विधि
शास्त्रों के अनुसार प्रदोष काल में दीपावली पूजन से पहले पूरे घर में वातावरण की शुद्धि और पवित्रता के लिए घर में गंगाजल छिड़के फिर घर के मुख्य द्वार को दियों से सजाएं, रंगोली बनाए. पूजा स्थल पर एक चौकी रखे पीला रंग का कपड़ा बिछाकर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को स्थापित करें. दीवाल पर माता लक्ष्मी का चित्र लगाए और चौकी के पास जल से भरा एक कलश रखें और भगवान गणेश जी की मूर्ति पर तिलक लगाकर जल, मौली, चावल, हल्दी, अबीर, गुलाल आदि अर्पित करें. माता लक्ष्मी गणेश भगवान की स्तुति करें .
Diwali 2024 Date : दीपावली पर लगाएं ये भोग
शास्त्रों के अनुसार किसी भी पूजा पर भगवान को भोग अवश्य चढ़ाया जाता है. दीपावली पर पूजा के दौरान मां लक्ष्मी को भोग में फल , मिठाई खील बताशे और घर में बनी खीर का भोग लगाना चाहिए. साथ ही भगवान गणेश को मोतिचूर के लड्डूओं का भोग लगाना शुभ होता है. आप अपनी तथानुसार भी भगवान को भोग समर्पित कर सकते है पूजा पाठ के लिए भगवान के लिए बस श्रद्धाभाव चाहिए अगर आपका मन पवित्र है तो आपसे भगवान सदैव प्रसन्न रहते हैं.