Holi 2025 Bhadra Kaal : भद्रा काल जानिए शुभ मुहूर्त और उपाय

Holi 2025 Bhadra Kaal : होली पर भद्रा काल साया

हिंदू धर्म में हर तिथि और वार का विशेष महत्व होता है। खासकर त्योहारों और धार्मिक अनुष्ठानों में शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन हर साल होलिका दहन किया जाता है। इस वर्ष होलिका दहन का शुभ पर्व 13 मार्च 2025 को गुरुवार के दिन मनाया जाएगा।

हालांकि, इस बार होलिका दहन के दिन भद्रा काल का साया रहेगा, जिसके चलते होलिका दहन के लिए शुभ समय काफी सीमित रहेगा। आइए जानते हैं कि (Holi 2025 Bhadra Kaal) भद्रा काल क्या होता है, इसका महत्व क्या है और इस दौरान कौन-कौन से कार्यों को करने से बचना चाहिए।

भद्रा काल क्या है?

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, भद्रा भगवान सूर्य देव की पुत्री और शनि देव की बहन मानी जाती हैं। भद्रा का स्वभाव अत्यधिक क्रोधी बताया गया है, जिसके कारण इसे अशुभ माना जाता है। भद्रा के प्रभाव के चलते इस अवधि में कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य करना वर्जित माना गया है।

ज्योतिष के अनुसार, भद्रा काल में किए गए कार्यों का सकारात्मक परिणाम नहीं मिलता और कभी-कभी इसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। इसी वजह से भद्रा काल में विवाह, गृह प्रवेश, होलिका दहन जैसे शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए।

होलिका दहन 2025 पर भद्रा काल का समय (Bhadra Kaal 2025 Timing)

पंचांग के अनुसार, 13 मार्च 2025 को होलिका दहन के दिन भद्रा काल का साया रहेगा।

  • भद्रा आरंभ: शाम 6:57 PM पर
  • भद्रा समाप्ति: रात 8:14 PM पर
  • भद्रा मुख का समय: रात 8:14 PM से 10:22 PM तक
  • होलिका दहन का शुभ मुहूर्त: रात 11:26 PM से 12:30 AM तक

इस अवधि में होलिका दहन का सही समय चुनने के लिए खास ध्यान रखना आवश्यक है ताकि किसी भी प्रकार के नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सके।

भद्रा काल में होलिका दहन क्यों अशुभ होता है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा काल में किए गए होलिका दहन से घर-परिवार में कलह, विवाद और अशांति बढ़ सकती है। कई धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि भद्रा काल के दौरान किए गए शुभ कार्य विपरीत परिणाम दे सकते हैं। यही कारण है कि हर वर्ष होलिका दहन से पहले भद्रा काल की गणना कर शुभ मुहूर्त में ही अग्नि प्रज्वलन किया जाता है।

भद्रा काल में बचाव के उपाय (Bhadra Kaal Ke Upay)

यदि किसी कारणवश भद्रा काल में कार्य करना अनिवार्य हो, तो इन उपायों को अपनाकर नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है:

  1. हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं।
  2. घर के मुख्य द्वार पर गंगाजल का छिड़काव करें।
  3. भद्रा काल में किए गए कार्य के बाद शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
  4. नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए कपूर जलाकर पूरे घर में उसकी धूप दें।
  5. इस अवधि में अधिक से अधिक भगवान विष्णु का स्मरण करें और “ओम नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।

Holi 2025: जानें कब है होली, होलिका दहन मुहूर्त और पूजन विधि

भद्रा काल को हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील समय माना जाता है। विशेष रूप से होलिका दहन जैसे शुभ कार्य के लिए भद्रा काल का ध्यान रखना अत्यावश्यक है। उचित समय पर होलिका दहन करने से नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सकता है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

Leave a Comment