‘मेरे हसबैंड की बीवी’ मूवी रिव्यु : हंसी-मजाक के साथ उलझी लव स्टोरी

Mere Husband Ki Biwi Movie Review

अर्जुन कपूर की हर नई फिल्म के साथ सोशल मीडिया पर हलचल मच जाती है। फैंस हों या ट्रोल्स, सबको उनके नए प्रोजेक्ट्स का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस बार ‘मेरे हसबैंड की बीवी’ रिलीज हो चुकी है, जिसमें एक ऐसी उलझी हुई लव स्टोरी दिखाई गई है, जहां एक लड़का अपनी एक्स-वाइफ और मंगेतर के बीच फंसा हुआ नजर आता है। तो आइए जानते हैं कि यह फिल्म कितनी मजेदार है!

कहानी

फिल्म की शुरुआत होती है अंकुर चड्ढा (अर्जुन कपूर) से, जो अपनी एक्स-वाइफ प्रभलीन कौर ढिल्लों (भूमि पेडनेकर) का सपना देखकर घबरा जाता है। लेकिन यह कोई रोमांटिक ड्रीम नहीं, बल्कि एक डरावना ‘नाइटमेयर’ है! हड़बड़ाकर उठने के बाद उसे याद आता है कि अब वह अपनी बीवी के चंगुल से आज़ाद हो चुका है। खुशी-खुशी तलाक के पेपर्स को सीने से लगा लेता है, मानो कोई बहुत बड़ी जंग जीत ली हो।

फ्लैशबैक में दिखाया जाता है कि अंकुर और प्रभलीन कॉलेज के दिनों में एक-दूसरे से प्यार करते थे, लेकिन शादी के बाद चीजें बिगड़ गईं और दोनों का रिश्ता कड़वाहट से भर गया। अंकुर के लिए उसकी एक्स-वाइफ अब किसी ‘चुड़ैल’ से कम नहीं, जो हर वक्त उसका खून पीने को तैयार रहती है! अब अंकुर की लाइफ में एंट्री होती है अंतरा खन्ना (रकुल प्रीत सिंह) की, जो उसकी पुरानी कॉलेज क्रश है। दोनों का रिश्ता दोस्ती से आगे बढ़कर प्यार तक पहुंचता है और शादी की तैयारी शुरू हो जाती है।

लेकिन तभी कहानी में बड़ा ट्विस्ट आता है – प्रभलीन एक एक्सीडेंट में अपनी याददाश्त खो बैठती है और अब वह खुद को 5 साल पीछे मान रही है। उसके लिए अंकुर अब भी उसका वही रोमांटिक पति है, जिसने उसे शाहरुख खान स्टाइल में प्रपोज किया था! डॉक्टर की सलाह पर अंकुर को प्रभलीन के साथ रहना पड़ता है ताकि उसकी याद्दाश्त लौट सके। अब बेचारा अंकुर एक तरफ अपनी मंगेतर अंतरा को खुश रखने की कोशिश कर रहा है और दूसरी तरफ अपनी ‘भूली-बिसरी’ एक्स-वाइफ से पीछा छुड़ाने की जुगत में लगा हुआ है!

फिल्म कैसी है ?

डायरेक्टर मुदस्सर अजीज और प्रोड्यूसर वाशु भगनानी ने इस फिल्म की कहानी को हल्के-फुल्के अंदाज में पेश किया है। पहला हाफ जबरदस्त है! फिल्म की शुरुआत शानदार होती है, रोमांटिक और कॉमेडी पंचेस पर हंसी भी आती है। अर्जुन कपूर और हर्ष गुजराल की जोड़ी जबरदस्त लगती है। हर्ष की कॉमेडी टाइमिंग कमाल की है और उनके एक्सप्रेशन फिल्म में जान डाल देते हैं।

लेकिन दूसरा हाफ आते-आते फिल्म थोड़ी कमजोर पड़ जाती है। यहां कॉमेडी के साथ जबरन ड्रामा और इमोशन घुसाने की कोशिश की गई है, जो फिल्म की स्पीड को धीमा कर देता है। अंतरा और प्रभलीन के बीच की कैटफाइट खिंचने लगती है और कहानी बोझिल हो जाती है। अंकुर की ‘चुड़ैल बीवी’ वाली बातें सुनने के बाद अंतरा का यकीन करना भी अजीब लगता है, जिससे प्लॉट थोड़ी जगह कमजोर पड़ जाता है।

एक्टिंग

हर्ष गुजराल ने इस फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू किया है और वह सबसे मजेदार किरदार साबित होते हैं। उनकी डायलॉग डिलीवरी और एक्सप्रेशन शानदार हैं, जिससे वह फिल्म के सीन-सीन में जान डाल देते हैं। अर्जुन कपूर का काम ठीक है, लेकिन उन्होंने कुछ नया एक्सपेरिमेंट नहीं किया। उनके लिए यह एक सुरक्षित ज़ोन वाली फिल्म है।

भूमि पेडनेकर ने अपने निगेटिव टोन वाले किरदार को ठीक से निभाया, लेकिन उनकी परफॉर्मेंस और बेहतर हो सकती थी। रकुल प्रीत सिंह अपने रोल में सहज नजर आती हैं, लेकिन उनका किरदार और दमदार लिखा जा सकता था। शक्ति कपूर, डीनो मोरेया, अनीता राज, आदित्य सील, टीकू तलसानिया, और मुकेश ऋषि जैसे कलाकारों ने सपोर्टिंग रोल में अच्छा काम किया है, खासकर शक्ति कपूर के मजेदार डायलॉग हंसाने वाले हैं।

म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर

फिल्म का म्यूजिक औसत दर्जे का है, कोई भी गाना खास याद नहीं रहता। हालांकि बैकग्राउंड स्कोर कहानी के मूड को बनाए रखता है, जिससे कुछ सीन्स बेहतर लगते हैं।

देखें या नहीं?

अगर आपको हल्की-फुल्की कॉमेडी पसंद है और वीकेंड पर एंटरटेनमेंट की तलाश में हैं, तो ‘मेरे हसबैंड की बीवी’ देख सकते हैं। फिल्म का पहला हाफ काफी मजेदार है, लेकिन दूसरा हाफ थोड़ा खिंच जाता है। अर्जुन कपूर और हर्ष गुजराल की जोड़ी हंसाती जरूर है, लेकिन कहानी में दमदार पकड़ की कमी रह जाती है।

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