व्हाट्सएप और पेगासस विवाद
व्हाट्सएप ने गुरुवार को इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप टेक्नोलॉजीज के खिलाफ एक ऐतिहासिक मुकदमा जीत लिया। यह वही कंपनी है जो कुख्यात पेगासस स्पायवेयर का निर्माण करती है। 2019 में, मेटा ने एनएसओ ग्रुप पर लगभग 1,400 लोगों के फोन को संक्रमित करने और उनकी निगरानी करने का आरोप लगाया था। अमेरिकी न्यायाधीश फिलिस हैमिल्टन ने एनएसओ ग्रुप को अमेरिकी और राज्य के हैकिंग कानूनों का उल्लंघन करने और व्हाट्सएप की सेवा शर्तों को तोड़ने का दोषी पाया।
व्हाट्सएप ने अपने बयान में कहा, “पांच साल के इस मुकदमे के बाद, हम आज के निर्णय के लिए आभारी हैं। एनएसओ अब अपने गैरकानूनी कृत्यों के लिए जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। यह निर्णय स्पष्ट संदेश है कि स्पायवेयर कंपनियों की अवैध गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।”
पेगासस स्पायवेयर के बारे में मुख्य बातें
पेगासस स्पायवेयर क्या है?
एनएसओ ग्रुप के अनुसार, पेगासस (“Q Suite”) एक साइबर इंटेलिजेंस सॉल्यूशन है जो कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों को मोबाइल उपकरणों से डेटा निकालने की क्षमता प्रदान करता है।
एक बार इंस्टॉल हो जाने पर, पेगासस न केवल व्हाट्सएप चैट्स को पढ़ सकता है, बल्कि एसएमएस, कॉल हिस्ट्री, कैलेंडर, ईमेल, ब्राउजिंग हिस्ट्री, और डिवाइस में संग्रहित फाइल्स तक भी पहुंच सकता है।
पेगासस डिवाइस में कैसे पहुंचता है?
2018 तक, पेगासस एसएमएस और व्हाट्सएप संदेशों में दुर्भावनापूर्ण लिंक भेजकर डिवाइस को संक्रमित करता था। लेकिन इसके बाद, कंपनी ने “नेटवर्क इंजेक्शन” तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया, जिसमें टारगेट से किसी भी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं थी।
2019 में, एनएसओ ने एक नई क्षमता विकसित की, जिसमें व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से डिवाइस को संक्रमित किया जा सकता था। यह तकनीक इतनी खतरनाक थी कि टारगेट को कॉल उठाने की भी आवश्यकता नहीं थी।
पेगासस का उपयोग कौन कर सकता है?
एनएसओ ग्रुप का दावा है कि पेगासस केवल सरकारी एजेंसियों के लिए उपलब्ध है। इसके मुख्य ग्राहक सऊदी अरब, अजरबैजान, भारत और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश हैं। 2022 में यह भी खुलासा हुआ कि एनएसओ ग्रुप ने इसे अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (FBI) को भी बेचा था।
क्या आप पता लगा सकते हैं कि पेगासस आपके डिवाइस पर है?
वर्तमान में, पेगासस की पहचान करने का कोई पूर्ण और निश्चित तरीका नहीं है। हालांकि, कुछ निजी सुरक्षा फर्म उपकरण प्रदान करती हैं, जो डिवाइस पर पेगासस का पता लगाने में मदद कर सकती हैं।
रूस की एंटी-वायरस फर्म कास्परस्की ने इस साल एक नई तकनीक का खुलासा किया। इसमें iOS डिवाइस के सिस्टम लॉग का विश्लेषण करके पेगासस जैसे स्पायवेयर का पता लगाया जा सकता है।
पेगासस से बचने के उपाय
- iVerify नामक एक सुरक्षा फर्म ने “मोबाइल थ्रेट हंटिंग” सुविधा पेश की है। यह पेगासस जैसे खतरों का पता लगाने में मदद कर सकती है।
- नॉर्डवीपीएन के अनुसार, पेगासस से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें और अपने डिवाइस को नियमित रूप से अपडेट रखें।
पेगासस विवादास्पद क्यों है?
पेगासस को अपराध और आतंकवाद से लड़ने के लिए विकसित किया गया था। लेकिन यह पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, विपक्षी नेताओं और सरकारी नीतियों के आलोचकों की जासूसी करने के लिए इस्तेमाल किया गया।
चूंकि पेगासस को उपयोगकर्ता की किसी भी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं होती है, यह डिवाइस को बिना किसी डिजिटल निशान के संक्रमित कर सकता है।
व्हाट्सएप बनाम एनएसओ ग्रुप मामला
व्हाट्सएप ने एनएसओ ग्रुप पर उसके प्लेटफॉर्म के 1,400 उपयोगकर्ताओं के डिवाइस को संक्रमित करने का आरोप लगाया। अदालत ने एनएसओ को पेगासस के स्रोत कोड प्रदान करने का आदेश दिया, लेकिन कंपनी ने इसे प्रस्तुत करने से इनकार कर दिया।
पेगासस और डेटा सुरक्षा का भविष्य
व्हाट्सएप की इस जीत ने डेटा सुरक्षा और डिजिटल अधिकारों के महत्व को उजागर किया है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि तकनीक का इस्तेमाल कैसे नैतिक सीमाओं में रहकर किया जाए। हालांकि पेगासस जैसे स्पायवेयर के खतरे अब भी बने हुए हैं, लेकिन इस फैसले ने डिजिटल गोपनीयता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम की है।
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