🎬 फिल्म रिव्यू : ‘Test’
निर्देशक: शशिकांत (डायरेक्टोरियल डेब्यू)
स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म: Netflix
कलाकार: आर. माधवन, सिद्धार्थ, नयनतारा, मीरा जैस्मिन
अवधि: 2 घंटे 25 मिनट
भारत में क्रिकेट एक धर्म की तरह है, और इस खेल पर आधारित कई फिल्में बन चुकी हैं। नई फिल्म ‘टेस्ट’ के साथ डेब्यू डायरेक्टर शशिकांत भी इसी राह पर चले हैं। यह क्रिकेट फिल्म तीन किरदारों – भारतीय क्रिकेटर अर्जुन (सिद्धार्थ), उसकी बचपन की दोस्त कुमुदा (नयनतारा), और कुमुदा के पति सरवनन (आर माधवन) – की कहानी बुनती है। लेकिन क्या यह नेटफ्लिक्स फिल्म दर्शकों का दिल जीत पाई? आइए इस टेस्ट मूवी रिव्यू में जानते हैं।
‘टेस्ट’ की कहानी : क्रिकेट, सपने और सस्पेंस
टेस्ट फिल्म में कहानी की शुरुआत अर्जुन से होती है, जो अपने करियर के बुरे दौर से गुजर रहा है। खराब फॉर्म के चलते उसे भारतीय टीम से बाहर होने का डर है। अर्जुन चाहता है कि वह क्रिकेट को हारे हुए नहीं, बल्कि देश का गर्व बनकर अलविदा कहे। चेन्नई में भारत-पाकिस्तान का अहम मैच उसके लिए करियर का आखिरी मौका है। दूसरी ओर, कुमुदा एक टीचर है, जो IVF के जरिए मां बनने की कोशिश में है। तभी उसका पति सरवनन, जो एक वैज्ञानिक है, 50 लाख रुपये की मांग करता है। वह कहता है कि उसकी कैंटीन का लाइसेंस रद्द हो सकता है, लेकिन असल में वह हाइड्रो-फ्यूल प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है और कर्ज में डूबा है। इसी बीच पुलिस मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी की जांच कर रही है। इन तीनों की जिंदगियां कैसे जुड़ती हैं, यह फिल्म का रोमांच है।
नैतिकता और सपनों का टकराव
टेस्ट मूवी में लेखक शशिकांत और सुमन कुमार ने अर्जुन, कुमुदा और सरवनन के जरिए नैतिक दुविधाओं को दिखाया है। कुमुदा और सरवनन एक-दूसरे से प्यार करते हैं, लेकिन उनके सपने अलग हैं – कुमुदा मां बनना चाहती है, तो सरवनन अपने प्रोजेक्ट को मंजूरी दिलाना। अर्जुन एक स्टार क्रिकेटर बनना चाहता है, जिसके चलते वह अपनी पत्नी पद्मा (मीरा जैस्मिन) और बेटे आदि की जिम्मेदारियों को भूल जाता है। ये तीनों अपने सपनों के लिए जूझते हैं, जो भारतीय सिनेमा में एक नई कहानी पेश करता है।
ड्रामा से थ्रिलर तक कहां रह गई कमी?
फिल्म की शुरुआत ड्रामा थ्रिलर के रूप में शानदार है। किरदारों का विकास और सीन सेटअप कमाल का है। लेकिन जैसे ही कहानी टेस्ट मैच और मैच फिक्सिंग की ओर बढ़ती है, यह थकाऊ लगने लगती है। यह फिल्म छक्का मारने से चूक जाती है, क्योंकि दूसरा हाफ धीमा पड़ जाता है।
सिद्धार्थ, नयनतारा और माधवन का दमदार अभिनय
टेस्ट फिल्म में तीनों स्टार्स – सिद्धार्थ, नयनतारा और आर माधवन – ने फिल्म को अपने कंधों पर उठाया है। नयनतारा और माधवन की टकराव वाली केमिस्ट्री शानदार है, वहीं सिद्धार्थ और मीरा जैस्मिन का तालमेल भी प्रभावित करता है। नयनतारा ने एक महिला, पत्नी और दोस्त के संघर्ष को इतने सहज तरीके से दिखाया है कि उनकी भावनाएं सीधे दिल तक पहुंचती हैं। सिद्धार्थ ने एक जुझारू खिलाड़ी के किरदार को पूरी सच्चाई से निभाया है – जो अंदर से टूटा हुआ है लेकिन हार मानने को तैयार नहीं।माधवन ने एक वैज्ञानिक और संघर्षरत पति के रूप में अपने किरदार में गहराई लाई है, जो झूठ और सच के बीच झूलता है।मीरा जैस्मिन और बाकी सहायक कलाकारों का अभिनय भी कहानी को मज़बूती देता है।
म्यूजिक और सिनेमैटोग्राफी
संगीतकार शक्तिश्री गोपालन ने अच्छा काम किया है, और सिनेमैटोग्राफर विराज सिंह ने फिल्म को खूबसूरत बनाया है। लेकिन टीएस सुरेश की एडिटिंग औसत रही। फिल्म की लंबाई को थोड़ा और कसा जा सकता था। 2 घंटे 25 मिनट की अवधि में फिल्म थोड़ी खिंचती हुई लगती है, खासकर जब यह एक थ्रिलर मोड में जाती है।
‘टेस्ट’ का फैसला : देखें या छोड़ें?
यह फिल्म शानदार एक्टिंग और मजबूत शुरुआत के लिए तारीफ पाती है, लेकिन कहानी का कमजोर दूसरा हाफ इसे औसत बनाता है। डायरेक्टर शशिकांत ने डेब्यू में अपनी छाप छोड़ी है। यह क्रिकेट फिल्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है। सिद्धार्थ, नयनतारा और माधवन के अभिनय के लिए इसे एक बार देखा जा सकता है।